Wednesday, July 22, 2009

कभी कभी

कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है,

के जैसे तुज़को बनाया गया है मेरे लिए.
तुं अब से पहले सितारों में बस रही थी कहीं,

तुजे जमीं पे बुलया गया हे मेरे लिए.
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है,

के ये बदन ये निघनों मेरी अमानत है,
यह गेशुओं कि घनी छाओं है मेरी खातिर,

ये होठों और यह बाहें मेरी अमानत है.
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है,

के जैसे बजती है शहेनाइयां सी राहों में,
सुहाग रात है घूंघट उठा रह हूँ में,

सिमट रही हे तु शर्म के मेरी बाँहों में.
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है,

जैसे तुं मुजे चाहेगी उम्रभर यूंही.
उठेगी मेरी तरफ प्यार कि नज़र यूंही,

मैं जनता हूँ के तुं ग़ैर मगर यूंही.

कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है.

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